Sattu ke laddu kese banae in hindi - Chitra's Recipe

सत्तू एक संपूर्ण आहार है। ख़ासतौर से गर्मी में सत्तू जहां शरीर के तापमान को नियंत्रित रखता है वहीं इसमें भरपूर पोषक तत्‍व भी होते हैं। इसे न तो आग पर पकाना होता है और न ही इसे खाने के लिए किसी विशेष व्‍यवस्‍था की ज़रूरत होती है। इसे पानी में घोलकर नमक या मीठा डालकर पिया जा सकता है, शरबत या नमक-पानी में गूंथकर चटनी के साथ भी इसे खाया जा सकता है। यह सुविधाजनक खाद्य पदार्थ होने के साथ ही अधिक दिन तक टिकने वाला होता है। इसलिए जब तीर्थ यात्रा पैदल होती थी, वाहनों की सुविधा ज़्यादा नहीं थी तो लोग समूह में तीर्थयात्रा के लिए पैदल जाते थे, जिसमें महीनों लग जाते थे। इस दौरान उनका सबसे प्रिय साथी सत्तू हुआ करता था।


         इसे विभिन्‍न क्षेत्रों में विभिन्‍न नामों से जाना जाता है। सत्तू, सतुआ, सोतु, सातु, सांतू आदि। चना, मक्का, जौ, ज्वार, बाजरा, चावल, सिंघाड़ा, राजगीरा, गेहूं आदि अनेक प्रकार के अन्‍न के सातु बनाए जाते हैं। सभी के गुणधर्म अलग-अलग हैं। जैसे चने के सातु में प्रोटीन तो मक्‍के के सातु में कार्बोहाइड्रेड अधिक मात्रा में पाया जाता है।
चने का सतुआ

         चने का सत्तू पेट को ठंडा करने और बीमारियों को दूर भगाने के साथ ही मधुमेह रोगियों के लिए काफ़ी लाभप्रद है। लेकिन मधुमेह से पीडि़त लोगों को चने के सतुआ में चीनी की जगह नमक डालकर खाना चाहिए। साथ ही जोड़ों में दर्द वाले मरीज को इसके सेवन से बचना चाहिए। यह शरीर के तापमान को भी नियंत्रित करता है।
जौ का सोतु

         जौ का सत्तू पेट व शरीर को शीतलता प्रदान करता है, कब्‍ज़ का नाश करता है तथा कफ व पित्त का शमन करने वाला होता है। जल में घोलकर पीने से यह बलवर्द्धक, पोषक, पुष्टिकारक, मल भेदक च शक्ति दायक होता है। इससे नेत्र विकार भी नष्‍ट हो जाते हैं।
जौ व चने का सांतू

         तीन हिस्‍सा चने का सत्तू व एक हिस्‍सा जौ का सोतु मिलाकर पानी में घोलकर उसमें घी-शक्‍कर मिलाकर पीने से बल में वृद्धि होती है और पेट के सभी विकार दूर होते हैं। क्षुधा शांत करने के साथ ही यह शीतलता प्रदान करने वाला होता है।
चावल का सातु

         ग्रीष्‍म ऋतु में चावल का सत्तू काफ़ी लाभदायक है। इसके सेवन से पेट व शरीर शीतल होता है तथा बल-वीर्य में वृद्धि होती है। अग्निवर्धक इसका गुण है।

जौ, गेहूं च चने का सत्तू;-
                                       चना, गेहूं व जौ के सत्तू का मिश्रण काफ़ी बलवर्धक होता है। पेट की बीमारियों से बचाता है, कब्‍ज़ को दूर करता है तथा भरपूर पोषक तत्‍व शरीर को प्रदान करता है। चने के सोतु में आधा गेहूं का सतुआ व उसका आधा जौ का सतुआ मिलाकर सेवन किया जाता है। गर्मियों में यह गर्मी से तो बचाता ही है साथ ही भूख, प्‍यास कम लगती है।
कैसे बनाएं सत्तू का लड्डू
  • सत्तू एक पाव, 
  • चीनी एक पाव, 
  • देशी घी एक कप, 
  • 7-8 छोटी इलायची, 
  • 10-12 पिस्‍ते, 
  • 20-22 काजू  
  • 20-22 बादाम 

– कढ़ाही में घी गर्म करें और सत्तू डालकर धीमी आंच पर हल्‍का सा भून लें। पांच-सात मिनट में वह भुन जाएगा। उसे भुनने के बाद आग से उतार लें।

– सतुआ को कड़ा‍ही से निकाल कर दूसरे बर्तन में रख लें और उसे ठंडा होने के लिए छोड़ दें।

– अब इचायची को छीलकर पाउडर बना लें तथा काजू, पिस्ते व बादाम को छोटे-छोटे टुकड़ों में काट लें। थोड़े से पिस्‍ते अलग करके शेष सभी को मिलाकर रख लें।

– अब सतुआ ठंडा हो गया होगा। सत्तू में चीनी व कटे हुए ड्राई फ्रूट के मिश्रण तथा इलायची का पाउडर डालकर अच्‍छी तरह मिला दें।

– अब हाथ से मनपसंद आकार के आप लड्डू बना सकते हैं।

– लड्डू बनाने के बाद बचे हुए पिस्‍ते के टुकड़ों को उस पर सजा दें।

सावधानी यह बरतनी होती है कि सतुआ जब गरम रहे तो उसमें चीनी नहीं डालनी चाहिए, वरना वह गलकर सत्तू को गीला कर देगी और उसका लड्डू बनाना मुश्किल हो जाएगा।

जानिए सत्तू के यह 7 बेहतरीन फायदे -
            क्या आपने कभी सत्तू खाया है ? गर्मी के दिनों में सत्तू का सेवन कई स्थानों पर किया जाता है। खास तौर से यूपी व बिहार में सत्तू काफी प्रसिद्ध है जहां इसके स्वादिष्ट व्यंजन भी बनाए जाते हैं। सत्तू को इतना पसंद किए जाने का कारण सिर्फ इसका स्वाद ही नहीं बल्कि सेहत से जुड़े यह अनमोल फायदे भी हैं। जानिए सत्तू के यह बेमिसाल फायदे -
 
1. गर्मी के दिनों में सत्तू का सेवन करना आपको गर्मी के दुष्प्रभाव एवं लू की चपेट से बचाता है। सत्तू का प्रयोग करने से लू लगने का खतरा कम होता है क्योंकि यह शरीर में ठंडक पैदा करता है।

2. अगर आपको बार-बार भूख लगती है या फिर आप लंबे समय तक भूखे नहीं रह सकते, तो सत्तू आपके लिए लाभदायक है। इसे खाने या फिर इसका शर्बत पीने के बाद लंबे समय तक आपको भूख का एहसास नहीं होगा।

3. सत्तू प्रोटीन का बढ़िया स्त्रोत है और य‍ह पेट की गड़बड़ियों को भी ठीक करता है। इसे खाने से लिवर मजबूत होता है और एसिडिटी की समस्या दूर होती है अ और आसानी से पचने के कारण कब्जियत भी नहीं होती।

4. जौ और चने से बनाया गया सत्तू डाइबिटीज में फायदेमंद है। अगर आप डाइबिटीज के मरीज हैं तो रोजाना इस सत्तू का प्रयोग आपके लिए फायदेमंद है। इसे पानी में घोलकर शर्बत के रूप में या फिर नमकीन बनाकर भी लिया जा सकता है

5. शरीर में ऊर्जा की कमी होने पर सत्तू तुरंत ऊर्जा देने का कार्य करता है। यह कमजोरी को दूर कर आपको ऊर्जावान बनाए रखने में कारगर है। इसमें कई तरी के पोषक तत्व भी मौजूद होते हैं जो पोषण देते हैं।

6. मोटापे से परेशान लोगों के लिए सत्तू एक रामबाण उपाय है। जौ से बना सत्तू प्रतिदिन खाने से पाचन तंत्र भी सुचारु रूप से कार्य करता है और मोटापा कम होकर आप छरहरी काया पा सकते हैं।

7. ब्लडप्रेशर के मरीजों के लिए सत्तू का सेवन काफी लाभदायक होता है। इसके लिए सत्तू में नींबू, नमक, जीरा और पानी मिलाकर सेवन करना चाहिए।

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