वजन कम करने के लिए अश्वगंधा का उपयोग –
बढ़ते
वजन से परेशान लोगों के लिए मोटापा कम करना किसी चुनौती से कम नहीं है। कई
जतन करने के बाद भी लोगों का वजन कम नहीं होता। वहीं, कई लोग जल्दी वजन
घटाने के चक्कर में अपनी सेहत तक खराब कर लेते हैं। ऐसे में आयुर्वेद
व्यक्ति की मदद कर सकता है। आयुर्वेदिक औषधि अश्वगंधा के बार में, जिसका
इस्तेमाल सदियों से स्वास्थ्य के लिए होता आ रहा है। इसमें कई ऐसे औषधीय
गुण मौजूद हैं, जो प्रत्यक्ष और अप्रत्यक्ष रूप से वजन को नियंत्रित करने
में सहायक भूमिका निभा सकते हैं।
👉वजन घटाने में अश्वगंधा क्यों फायदेमंद है
1. स्ट्रेस को कम करे:
अश्वगंधा तनाव को कम करके भी वजन को नियंत्रित करने में मदद कर सकता है।
एनसीबीआई की वेबसाइट पर प्रकाशित एक शोध में पाया गया है कि अश्वगंधा में
मौजूद एंटी-स्ट्रेस गतिविधि तनाव की वजह से बढ़ने वाले वजन को कम करने में
लाभदायक हो सकती है। यह एंटी स्ट्रेस गतिविधि सीरम कोर्टिसोल यानी स्ट्रेस
हार्मोन के स्तर को सामान्य रखने में मदद करती है ।
इसकी मदद से व्यक्ति तनाव से दूर रह सकता है और इससे संबंधित मोटापे से बच
सकता है। इसी वजह से कहा जाता है कि वजन घटाने में अश्वगंधा के फायदे में
स्ट्रेस कम करना भी शामिल है।
2. फूड क्रेविंग को कम करे:अश्वगंधा
का संबंध फूड क्रेविंग यानी किसी चीज को खाने की तीव्र इच्छा में सुधार से
भी जुड़ा है। इस बात की पुष्टि एनसीबीआई द्वारा प्रकाशित एक शोध में की गई
है। रिसर्च में अश्वगंधा का सेवन करने वालों की फूड क्रेविंग में कमी दर्ज
की गई है । दरअसल, क्रेविंग की वजह लोग बिना भूख लगे भी कुछ-न-कुछ खाते
हैं, जिससे वजन बढ़ने की आशंका बढ़ जाती है। वहीं, कई बार लोग स्ट्रेस की
वजह से भी ज्यादा खाते है, यानी ओवर इटिंग करते हैं, जिसकी वजह से वजन बढ़
सकता है। ऐसे में अश्वगंधा स्ट्रेस को कम करके भूख से ज्यादा खाने की
समस्या को कम कर सकता है, जिससे वजन को कम करने में मदद मिल सकती है ।
3. थायराइड :थायराइड
की समस्या से भी वजन बढ़ सकता है । गले में तितली जैसे आकार की थायराइड
ग्रंथि होती है, जो हार्मोन्स निर्माण का काम करती है। जब थायराइड
हार्मोन्स असंतुलित होते हैं, तो व्यक्ति का वजन बढ़ने लग जाता
है।हाइपोथायराइड (जब थायराइड हार्मोन का उत्पादन नहीं करते) मरीजों पर हुए
रिसर्च में भी अश्वगंधा को लाभकारी पाया गया है । इसी आधार पर कहा जा सकता है कि थायराइड हार्मोन को नियंत्रित करके अश्वगंधा वजन को कम करने में मदद कर सकता है।
4. अनिद्रा :वजन
के बढ़ने की एक वजह अनिद्रा यानी नींद न आने की समस्या। अमेरिकन जर्नल ऑफ
एपिडेमियोलॉजी द्वारा प्रकाशित एक अध्ययन के मुताबिक, कम नींद लेने से
व्यक्ति का चयापचय प्रभावित होता है, जिसकी वजह से वजन में इजाफा होता है।
रिसर्च के अनुसार 7 घंटे से कम सोने वालों में मोटापे का जोखिम ज्यादा होता
है। 5 घंटे या उससे कम सोने वालों में 15 प्रतिशत जोखिम और 6 घंटे की नींद
लेने वालों में 6 प्रतिशत जोखिम में वृद्धि होती है। दूसरी ओर, 7 घंटे से
अधिक नींद लेने वाले लोगों में मोटापे का जोखिम नहीं होता। इस समस्या को
काफी हद तक अश्वगंधा कम कर सकता है। जापान की त्सुकुबा यूनिवर्सिटी द्वारा
2017 में इस संबंध में अध्ययन हुआ है। शोध के मुताबिक, अश्वगंंधा के पत्तों
में ट्राइथिलीन ग्लाइकोल यौगिक होता है, जो अच्छी तरह से सोने यानी गहरी
नींद में मदद कर सकता है । इस लिहाज से कहा जा सकता है कि अनिद्रा के कारण होने वाले मोटापे को नियंत्रित करने में अश्वगंधा फायदेमंद हो सकता है।
5. डायबिटीज:मोटापे और बढ़ते वजन की वजह डायबिटीज को भी माना जाता है। एनसीबीआई की वेबसाइट पर प्रकाशित एक शोध में भी इस बात की पुष्टि हुई है ।
वहीं, माना जाता है कि अश्वगंधा डायबिटीज को नियंत्रित करने में मदद कर
सकता है। इसमें हाइपोग्लाइमिक गुण होते हैं, जो शरीर में मौजूद ग्लूकोज को
कम करता है। इंटरनेशनल जर्नल ऑफ मोल्यूकूलर साइंसेज ने मधुमेह के शिकार
चूहों पर अश्वगंधा की जड़ और पत्तों का इस्तेमाल करके एक अध्ययन किया है।
शोध के दौरान चूहों में सकारात्मक परिवर्तन देखे गए हैं । इसी वजह से माना जाता है कि अश्वगंधा का सेवन डायबिटीज को कम करके मोटापे को नियंत्रित करने में भी मदद कर सकता है।
6. बॉडी मास :माना
जाता है कि रेगुलर एक्सरसाइज के साथ अश्वगंधा का सेवन किया जाए तो यह वजन
को नियंत्रित करने के साथ ही स्वस्थ वजन को बनाए रखने में मदद कर सकता है।
एक शोध में रोजाना अश्वगंधा के पानी के अर्क को 12 हफ्ते तक 500mg की
मात्रा में लेने से लोगों के शारीरिक बल में वृद्धि के साथ ही शरीर में वसा
के अनुकूल वितरण जैसे परिणाम देखे गए हैं। इसका सीधा संबंध वजन नियंत्रण
और स्वस्थ वजन को बनाए रखने से है। हालांकि, शोध में यह स्पष्ट नहीं है कि
अस्वगंधा में पाए जाने वाला कौन सा गुण इसमें मदद करता है ।
7. धमनी में प्लाक जमना :धमनी में प्लाक जमने को भी मोटापे का एक कारण माना गया है ।
इस समस्या को भी कुछ हद तक कम करने में अश्वगंधा मदद करता है, जिस वजह से
कहा जाता है कि यह अप्रत्यक्ष रूप से वजन को कम करने में सहायता कर सकता
है। दरअसल, अश्वगंधा में मौजूद एंटी-स्ट्रेस गतिविधि तनाव को दूर करके धमनी
में जमने वाले प्लाक को कम करने में लाभदायक माना गया है ।
👉वजन घटाने में अश्वगंधा का उपयोग किस तरह से किया जा सकता है
- वजन कम करने के लिए अश्वगंधा पाउडर व चूर्ण को उपयोग में लाया जा सकता है।
- चुटकी भर अश्वगंधा चूर्ण को पानी में मिलाकर सेवन किया जा सकता है।
- शहद या पानी में मिलाकर वजन कम करने के लिए अश्वगंधा के चूर्ण का उपयोग किया जा सकता है।
- वजन कम करने के लिए अश्वगंधा के पत्ते को भी उपयोग में लाया जा सकता है, इसे उबालकर काढ़ा बनाकर पी सकते हैं।
- वजन घटाने में अश्वगंधा का उपयोग करने के लिए इसकी जड़ का भी इस्तेमाल किया जा सकता है। वजन कम करने के लिए अश्वगंधा की जड़ को पानी में उबालकर पी सकते हैं।
- वजन घटाने में अश्वगंधा का उपयोग चाय के रूप में भी कर सकते हैं, बाजार में और ऑनलाइन अश्वगंधा चाय उपलब्ध है।
- मार्केट में अश्वगंधा कैप्सूल और अश्वगंधा का रस भी आसानी से मिल जाता है, जिसका सेवन पैकेट पर बताए गए इन्स्ट्रक्शन के साथ कर सकते हैं।
👉अश्वगंधा किन किन लोगों को नहीं खाना चाहिए
- वजन घटाने में अश्वगंधा के फायदे के साथ ही कुछ दुष्प्रभाव भी हो सकते हैं। ऐसे में कुछ बातों का ख्याल रखना चाहिए तो कुछ लोगों को इसके सेवन से बचना चाहिए। इसी संबंध में हम नीचे विस्तार से जानकारी दे रहे हैं
- पेट संबंधी परेशानी वाले लोग डॉक्टर की सलाह पर ही अश्वगंधा की खुराक लें, क्योंकि यह कई मामलों में गैस्ट्रोइंटेस्टाइनल परेशानी, दस्त और उल्टी का कारण बन सकता है।
- गर्भावतियों को भी इसके सेवन से बचना चाहिए। माना जाता है कि इसकी अधिक मात्रा बतौर गर्भनिरोधक का काम कर सकती है।
- अश्वगंधा माइल्ड सेंट्रल नर्वस सिस्टम डिप्रेसेंट (स्लीपिंग डिसऑर्डर, तनाव और चिंता में आराम से जुड़ी दवाइयां) की तरह काम करता है। ऐसे में अश्वगंधा की खुराक लेने वाले मरीज शराब, स्लीपिंग पिल्स और एंटीडिप्रेसेंट दवाइयों को न लें। कम भूख लगने की समस्या से ग्रसित लोगों को भी इसका सेवन नहीं करना चाहिए, क्योंकि इससे खाने की इच्छा कम हो सकती है।
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